नाडोल मे जैनो के चार शिखर बद्ध पोराणीक मंदिर है,एवं विभिन्न नये मन्दिरों का निर्माण भी किया गया है.साथ हि यहां पर आचार्य मानदेव सुरीजी की प्रतिमा भी है,जहां पर 1750 सालों से लगातार अखन्ड ज्योति प्रज्ज्वलित है.श्री मानदेव सुरिजी के नाम लेने मात्र से संसार से सब पापों से मुक्ति मिलती है.
गोड्वाड का भाल नाडोल जैन पंचतिर्थ में आता है जो वरकाणा,नाडोल,नारलाई,मुछाला महावीर(घाणेराव),एवं राणकपुर कहलाते है.
इसलीये नाडोल तिर्थ भुमी कही गई है.
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